shiv chalisa lyricsl Options
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अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
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कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
हनुमान चालीसा लिरिक्स
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि Shiv chaisa जात न काऊ॥
O Lord, the beloved Shiv chaisa daughter of Maina with your left adds in your splendid visual appearance. O Wearer from the lion's skin, the trishul in Your hand destroys all enemies.
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥